चित्रकूट धाम की महिमा - Chitrakoot ke mandir ki mahima
ऐसा माना जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने वनवास के 14 में से 11 वर्ष चित्रकूट में बिताए थे। इसलिए इस स्थान का पौराणिक महत्व भी है। यहां पर ऋषि अत्री और सती अनुसुइया निवास करते थे।
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ब्रह्मा विष्णु महेश ने चित्रकूट में हीं सती अनुसूया के घर जन्म लिया था। रामायण में चित्रकूट धाम की महिमा का वर्णन किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है कि कलयुग संसार के सभी स्थानों पर छा जाएगा परंतु भगवान राम की महिमा से चित्रकूट पर कलयुग का प्रभाव नहीं होगा।
चित्रकूट पर्यटन स्थल - Chitrakoot Tourism In Hindi
चित्रकूट धाम उत्तर विंध्य में स्थित एक छोटा सा पर्यटन शहर है। यह उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट और मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिलों में स्थित है। चित्रकूट हिंदू पौराणिक कथाओं और महाकाव्य रामायण की वजह से बहुत अधिक महत्व रखता हैं। पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं कि अपने देशान्तरण के समय में भगवान राम, माता सीता और श्री लक्ष्मण ने 14 में से 11 वर्ष का वनवास चित्रकूट में ही गुजारा था। चित्रकूट में कई धार्मिक, दर्शिनीय और घूमने वाले स्थान है। चित्रकूट की पावन भूमि अनेक दर्शनीय स्थलों से भरी हुई है। यदि आप भी इस पवित्र धाम की यात्रा करना चाहते है या इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
चित्रकूट के आकर्षण स्थल - Best Places To Visit In Chitrakoot Tourism In Hindi
1. गुप्त गोदावरी चित्रकूट - Gupta Godavari Chitrakoot
चित्रकूट में घूमने वाला स्थान गुप्त गोदावरी राम घाट के दक्षिण में नगर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक आकर्षित गुफा है। माना जाता हैं कि गोदावरी गुफा के अंदर की चट्टानों से एक बारहमासी धारा निकलती हैं और गोदावरी नदी की और एक अन्य चट्टान में बहती हुई गायब हो जाती हैं। यहां पर दो गुफाएं हैं। पहली गुफा का प्रवेशद्वार बहुत ही संकरा है। इसलिए इसमें पर्यटक मुश्किल से घुस पाते हैं। गुफा के अंत में एक छोटा गुप्त तालाब है जिसे गोदावरी नदी कहते हैं। दूसरी गुफा लंबी और पतली है। ऐसी मान्यता है कि गुफा के अंत में राम और लक्ष्मण ने दरबार लगाया था। एक अन्य रहस्यमयी बात यह हैं कि एक विशाल चट्टान को छत से बाहर निकलते हुए देखा जाता है। कहते हैं कि यह विशाल दानव मयंक का अवशेष है।
2. राम घाट चित्रकूट - Ram Ghat Chitrakoot
चित्रकूट में दर्शन करने वाली जगह राम घाट मंदाकनी नदी के किनारे पर बना हुआ हैं। कुछ कथाओं से पता चलता हैं कि वनवास काल के समय में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने इस जगह पर कुछ समय व्यातीत किया था। कहा जाता है कि इस घाट पर भगवान श्रीराम ने स्नान किया था और अपने पिता राजा दशरथ की अस्थियों का विसर्जन भी इसी घाट पर किया था। इस घाट पर स्नान करने से पुण्य मिलता है। व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं। इस घाट के बगल में भरतघाट है जहां भरत स्नान करते थे। पर्यटक घाट में गेरूआ वस्त्र धारण किए साधु-सन्तों को भजन और कीर्तन करते देख सकते है। शाम को होने वाली यहां की आरती मन को काफी सुकून पहुंचाती है।
3. सती अनुसुइया आश्रम चित्रकूट - Sati Anusuiya Ashram Chitrakoot
चित्रकूट का पर्यटन स्थल सती अनुसुइया आश्रम शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगल में स्थित हैं। चित्रकूट में ही ब्रह्मा विष्णु महेश ने सती अनुसुइया के घर जन्म लिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसूया और तीन पुत्रों के साथ इस स्थान पर निवास करते थे। भगवान राम ने देवी सीता के साथ इस स्थान का दौरा किया था और देवी अनुसुइया ने इसी स्थान पर सीता जी को सतित्त्व का महत्व बताया था। चित्रकूट आने वाले पर्यटक इस पावन स्थान का दौरा जरूर करे। ऐसा कहा जाता है कि मंदाकिनी नदी सती अनुसूया के तप से ही उत्पन्न हुई थी। यही पर सती अनुसुइया का मंदिर बना हुआ है।
4. कामदगिरि पर्वत चित्रकूट - Kamadgiri Mountains Chitrakoot
चित्रकूट के पवित्र और रमणीय स्थानों में शामिल यहां का कामदगिरि पर्वत्त यहां आने वाले टूरिस्टों को अति-प्रिय लगता हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार इस खूबसूरत सृष्टी की रचना करते समय परम पिता ब्रह्मा जी ने चित्रकूट के इस पावन स्थान पर 108 अग्नि कुंडों के साथ हवन किया था। अपने निर्वासन काल के दौरान भगवान राम ने भी इस स्थान पर कुछ समय व्यतीत किया था। धनुषाकार इस पर्वत पर एक विशाल झील है जो सैलानियों को आकर्षित करती हैं। कामदगिरि पर्वत पुराने चित्रकूट में स्थित है। लगभग 5 किमी परिक्षेत्र में जंगलों से घिरे इस पहाड़ के चारों तरफ मंदिर स्थित हैं। श्रद्धालु कामदगिरि पर्वत की 5 किलोमीटर की परिक्रमा कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना करते हैं। जंगलों से घिरे इस पर्वत के तल पर अनेक मंदिर बने हुए हैं। चित्रकूट के लोकप्रिय कामतानाथ और भरत मिलाप मंदिर भी यहीं स्थित है।
5. भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट - Bharat Milap Temple Chitrakoot
चित्रकूट के दर्शनीय स्थलों में भरत मिलाप मंदिर परम दर्शनीय स्थान है जोकि परम कुटीर के नजदीक स्थित हैं। राम और भरत का मिलाप इस स्थान पर उस समय हुआ था जब भरत भगवान राम के वन जाने के बाद उनसे मिलने के लिए यहां आते हैं। भरत मिलाप की इस कथा के साथ ही भगवान राम के पद चिन्हों के निशान आज भी इस स्थान पर हैं। कहा जाता है कि पत्थर ने भाई-भाई के प्रेम को देखकर अपनी जड़ता छोड़ दी थी। जिससे दोनों भाई के पद चिंह बन गए थे जिनके दर्शन आज भी किए जा सकते है।
6. हनुमान धारा चित्रकूट - Hanuman Dhara Chitrakoot
चित्रकूट धाम के दर्शनीय स्थलों में हनुमान धारा एक प्रमुख पर्यटक स्थल हैं जोकि चित्रकूट पर्यटन स्थल से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकूट के जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित हैं। यह स्थान हनुमान जी महाराज को समर्पित हैं और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सैलानियों को 360 सीढ़ियां चढ़के जाना होता है। लगभग 100 मीटर ऊंचे पर्वत पर पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा स्थित है। कहा जाता है कि यह धारा श्रीराम ने लंका दहन से आए हनुमान के आराम के लिए बनवाई थी। जब उनके शरीर की ज्वाला शांत नहीं हुई तब भगवान श्री राम ने उन्हें इस पर्वत पर आराम करने का आदेश दिया था और एक जल की धारा प्रवाहित की थी, जो आज भी पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा के ऊपर से गिर रही है। यह धारा पूरे सालभर एक ही गति से प्रवाहित होती रहती है। इसलिए चित्रकूट धाम की इस धारा को हनुमान धारा के नाम से जाना जाता है। पहाड़ी के शिखर पर सीता रसोई भी बनी हुई है। यहां से चित्रकूट का सुन्दर दृष्य देखा जा सकता है।
7. जानकी कुण्ड चित्रकूट - Janaki Kund Chitrakoot6. हनुमान धारा चित्रकूट - Hanuman Dhara Chitrakoot
यह रामघाट से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां हरे भरे पेड़ पौधे हैं जो पर्यटकों का मन आकर्षित कर लेते हैं। इस कुंड में माता सीता स्नान किया करती थी। जानकी कुंड के बगल में राम जानकी रघुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर बना हुआ है। चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में शामिल जानकी कुंड मंदाकनी नदी का एक सुंदर किनारा हैं। इस किनारे पर सीढियां बनी हुई हैं और यहां पर मिलने वाले पैरों के चिन्हों को माता जानकी के पैरो के निशान माने जाते हैं। भगवान राम के वनवास के दौरान यह स्थान माता जानकी का सबसे पसंदीदा स्थान था। जानकी कुंड के पास ही राम जानकी मंदिर बना हुआ हैं।
8. स्फटिक शिला चित्रकूट - Sphatik Shila Chitrakoot
चित्रकूट का दर्शनीय स्थल स्फटिक शिला चित्रकूट में जानकी कुंड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मंदाकनी नदी के तट पर स्थित है। चित्रकूर के घने जंगल में स्थित इस स्थान पर एक शिला पर भगवान राम के पैरो के निशान पर्यटकों को देखने के लिए मिल जाते हैं। मंदाकिनी के किनारे स्फटिक शिला पर बैठकर भगवान राम और मां सीता चित्रकूट की प्राकृतिक सुंदरता को निहारा करते थे। यह वही स्थान हैं जहां जयंत नाम के एक कौवा ने सीता जी को चोंच मारी थी जोकि एक राक्षस था।
9. भरत कूप चित्रकूट - Bharatkoop Chitrakoot
चित्रकूट धाम में देखने के लिए भरत कूप एक पावन स्थान हैं। चित्रकूट के पश्चिम में लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर भरतपुर गांव के पास एक विशाल कुआ हैं। तो वह अत्रि महर्षि की आज्ञानुसार सभी पावन स्थानों से जल लाकर इस कुएं में डालते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के लिए उनके भाई भरत पूरे भारत के तीर्थ स्थलों का जल लेकर आये थे, जिसे अत्रि मुनि के आदेश पर इस कूप में डाल दिया गया था। जिसका पानी कभी भी कम नहीं होता। इसकी गहराई पता करना मुश्किल है।
10. विराध कुंड चित्रकूट - Viradh Kund Chitrakoot
भगवान श्रीराम जिस मार्ग से चित्रकूट से आगे गये थे, वह मार्ग अब भी है। यह मार्ग घने वन में एक पगडंडी है और यहां दूर तक चौरस शिलाएं हैं। इसी मार्ग पर स्थित है विराध कुंड। इस गड्ढे को लक्ष्मण ने खोदा था। विराज नामक राक्षस को मार कर लक्ष्मण ने उसे इसी गड्ढे में गाड़ दिया था। आज तक इस गड्ढे की गहराई कोई नाप नहीं सका है।
11. परम कुटी चित्रकूट - chitrakoot ram kutiya
चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में परम कुटी एक पवित्र स्थान हैं, जोकि निर्वासन काल के दौरान श्री लक्ष्मण ने भगवान राम और सीता जी के लिए एक झोपडी के रूप में बनाई थी। जंगल से बांस और अन्य जंगली वस्तु एकत्रित करके इस परम कुटी को बनाया गया था।
12. राम सिया गांव
चित्रकूट में देखने लायक स्थान में शामिल राम सिया गांव चित्रकूट टूरिस्ट प्लेस का एक अहम हिस्सा हैं। चित्रकूट टूरिस्ट प्लेस राम सिया गांव पिल्ली-कोठी आश्रम से 3 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम में बिहारा के पास स्थित हैं। इस स्थान के बारे में कहाँ जाता हैं कि वनवास के दौरान भगवान राम और सीता जी एक विशाल शिला पर विश्राम करते थे।
13. वाल्मीकि आश्रम
चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में वाल्मीकि आश्रम एक प्रमुख स्थान है जोकि इलाहाबाद रोड पर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पवित्र आश्रम वाल्मीकि नदी के तट पर एक उंची पहाड़ी पर स्थित है। भगवान राम की कथाओं से यह पता चलता हैं, कि 14 वर्षो का वनवास भोगने के बाद भगवान राम ने जब माता सीता का त्याग कर दिया था। तब वह इसी स्थान पर रुकी थी और लव-कुश नामक दो बालको को जन्म दिया था।
14. शबरी फाल्स -Shabri Waterfall
चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में शबरी फाल्स मारकुंडी गांव से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर जमुनीहाई गांव के पास मंदाकनी नदी के उद्गम स्थान पर एक खूबसूरत झरना हैं।
चित्रकूट घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Chitrakoot In Hindi
चित्रकूट भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। इस स्थान पर रामनवमी और दीवाली जैसे त्योहारों को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। चित्रकूट घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से मार्च महीने का माना जाता हैं।
चित्रकूट फ्लाइट से कैसे पहुंचे – How To Reach Chitrakoot By Flight
चित्रकूट की यात्रा पर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दे की चित्रकूट के सबसे निकटतम इलाहाबाद हवाई अड्डा है। जोकि चित्रकूट से 135 किलोमीटर की दूरी पर है।
ट्रेन से चित्रकूट कैसे पहुंचे – How To Reach Chitrakoot By Train
चित्रकूट से 8 किलोमीटर की दूरी पर कर्वी रेल्वे स्टेशन है जोकि चित्रकूट का सबसे निकटतम रेल्वे स्टेशन हैं। कर्वी रेल्वे स्टेशन झांसी-मानिकपुर रेल्वे लाइन पर स्थित है और भारत के सभी प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
चित्रकूट कैसे पहुंचे बस से – How To Reach Chitrakoot By Bus
चित्रकूट जाने के लिए यदि आपने सडक मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि राज्य के स्वामित्व वाली बसें इलाहाबाद, बांदा, कानपुर, सतना और झांसी से चित्रकूट तक पहुंचने के लिए उपलब्ध हैं।
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